* लोकतांत्रिक प्रणाली पर हमला व्यवस्था के पोषकों के लिए हितकर नहीं: डॉक्टर सैनी
गोरखपुर: तीसरी आंख मानवाधिकार संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा क्रमिक धरने के दौरान जिला प्रशासन की उपेक्षा को देखते हुए संगठन के संस्थापक महासचिव शैलेन्द्र कुमार मिश्र ने कहा कि-
“लोकतांत्रिक सरकारों द्वारा लोकतांत्रिक व्यवस्था की क्रूर हत्या करने का अपराध किया जा रहा है जिसका आंकलन मंडलायुक्त/अध्यक्ष विकास प्राधिकरण गोरखपुर मंडल गोरखपुर
के कार्यालय पर पूर्व सूचना के अनुरूप दिनांक 13 जुलाई, 2021 से जनहित के मुद्दे पर किए जा रहे सत्याग्रह संकल्प से संबंधित 24 सूत्री ज्ञापन में उल्लिखित तथ्यों के अवलोकन से किया जा सकता है.”
उपरोक्त के क्रम में सत्याग्रह संकल्प में बैठे जिला अध्यक्ष बृज राज सैनी ने कहा कि जनहित के मुद्दे पर किए जा रहे सत्याग्रह संकल्प के 11वें दिन भी शासन-प्रशासन की खामोशी व उपेक्षा शासन के ऑन द स्पॉट कार्यशैली को मुंह चिढ़ाते नजर आ रही है.
ऐसे में यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि व्यवस्था के पोषक लोक कल्याणकारी नीतियों के विपरीत गैर लोकतांत्रिक कार्यों को अंजाम दे रहे हैं जो व्यवस्था के पोषकों के लिए शुभ संकेत नहीं.
उक्त के क्रम में वरिष्ठ कार्यकर्ता वीरेंद्र कुमार वर्मा व राम चंद्र दूबे ने संयुक्त रूप से कहा कि लोक कल्याणकारी मुद्दों को नजर अंदाज करना अंग्रेजी हुकूमत के पद चिन्हों पर चलना प्रतीत हो रहा है जिसके विरुद्ध जन आंदोलन को हवा देना संगठन की विवशता है.
बेहतर होगा कि समय से पूर्व व्यवस्था के पोषक अपनी चिर निद्रा से जगे अन्यथा परिणाम गंभीर होंगे. महानगर अध्यक्ष संतोष गुप्ता एवं संजय गुप्ता ने संयुक्त रूप से कहा कि-
” व्यवस्था के पोषक अपने तानाशाही रवैया से बाज आएं और लोकहित में संगठन द्वारा उठाए गए 24 सूत्रीय जनहित के मुद्दों को तत्काल व्यवहारिक स्वरूप दें अन्यथा इतिहास गवाह है कि जन आंदोलन को नजरअंदाज करने वाले तानाशाहों के ताजो तख़्त धराशाई हो गए हैं.”
यह संगठन की चेतावनी नहीं है बल्कि व्यवस्था के पोषकों को चिर निद्रा से आत्मसात कराने की पहल है अन्यथा संगठन मंगलवार को विकास प्राधिकरण गोरखपुर व जिला प्रशासन की उपेक्षात्मक,
क्रियाकलापों के विरुद्ध प्रतीकात्मक प्रतिकार व्यक्त करते हुए शासकीय तंत्र का ध्यान आकृष्ट कराते हुए 24 सूत्रीय ज्ञापन मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश को देगा.
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित संगठन के संरक्षक डा. पी.एन. भट्ट, संस्थापक महासचिव शैलेन्द्र कुमार मिश्र, प्रदेश सचिव उ.प्र. व राष्ट्रीय संयुक्त अधिवक्ता मंच के वरिष्ठ अधिवक्ता अनुप मिश्रा, अशोक तिवारी दिवानी बार गोरखपुर, जाहिद अली, मजहर उर्फ लाड़ले जय बहादुर इत्यादि लोग उपस्थित रहे.