रातों-रात लोगों को अमीर बनाने का ख्वाब दिखाकर डिजिटल करेंसी का व्यापार करने वाले लोगों को आरबीआई गवर्नर शशिकांत दास ने सचेत किया है.
उन्होंने बताया है कि क्रिप्टोकरंसी पर प्रतिबंध लगाने की जरूरत है क्योंकि यह दुआ के अतिरिक्त कुछ भी नहीं है.
यहां मूल्य सिर्फ एक छलावा है आपको बता दें कि हाल ही में आरबीआई ने रुपए के रूप में अपनी डिजिटल मुद्रा पेश की है.
जैसा कि वित्त का नियम है कि प्रत्येक संपत्ति प्रत्येक वित्तीय उत्पाद में कुछ अंतर्निहित मूल्य समाहित किए हुए होती है.
किंतु क्रिप्टो करेंसी के अंदर कोई अंतर्निहित मूल्य नहीं है. आज क्रिप्टो बाजार में जो मूल्यवृद्धि दिख रही है, वह सिर्फ एक धोखा है.
हम अपने देश में जुए की अनुमति नहीं देते हैं.
अगर आप जुए की अनुमति देना चाहते हैं तो इसके लिए एक नियम भी निर्धारित करें. किंतु यह कोई वित्तीय उत्पाद नहीं है.
क्या होती है क्रिप्टोकरंसी?
यह एक डिजिटल अथवा आभासी मुद्रा है जिसे क्रिप्टोग्राफी के जरिए सुरक्षा दी जाती है. इसके माध्यम से केवल ऑनलाइन लेन-देन ही हो सकता है.
इसमें किसी भी थर्ड पार्टी का कोई दखल और न ही किसी भी देश की सरकार या बैंक का कोई नियंत्रण नहीं होता है जो न ही कोई क्रिप्टो करेंसी की कीमत तय करती है.
आज दुनिया में डिजिटल करेंसी के कई प्रकार जैसे मॉनेरो, लाइट क्वाइन, इथर, बिटकॉइन आदि मौजूद हैं.
चुंकि क्रिप्टो की कीमत में लगातार बढ़ोतरी होती रहती है, यही वजह है कि इस मुद्रा के प्रति लोगों में आकर्षण होता है.