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मुंबई: संगीत की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले चोटी के ग़ज़ल एवं पार्श्व गायक भूपेंद्र सिंह का हृदय गति रुक जाने के कारण 82 वर्ष की अवस्था में निधन होने की सूचना प्राप्त हुई है.

ऐसा बताया जा रहा है कि यह लंबे दिनों से बीमार थे तथा मुंबई के अंधेरी स्थित क्रिटी केयर अस्पताल में इलाज करा रहे थे.

इन्होंने अपना कैरियर पंजाब में 1940 के दशक के दौरान संगीत शिक्षक प्रोफेसर नाथ सिंह जी के नेतृत्व में शुरू किया जो कि उनके पिता थे.

ताज्जुब का विषय यह है कि उस समय भूपेंद्र सिंह को संगीत और वाद्य यंत्र दोनों से नफरत थी किंतु 1980 के दशक में जब इन्होंने बांग्लादेशी

गायिका मिताली मुखर्जी से विवाह किया जो कि खुद भी एक गायिका थीं तो इनमें भी संगीत के प्रति रूचि उत्पन्न हुई.

अपने कैरियर की शुरुआत में उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो दिल्ली दूरदर्शन से किया तथा लंबे समय तक दिल्ली दूरदर्शन केंद्र से भी जुड़े रहे.

ऐसा बताया जाता है कि 1962 में संगीत निर्देशक मदन मोहन ने सतीश भाटिया द्वारा आयोजित प्रोग्राम में उनकी आवाज सुनी और मुंबई बुलाया. उस समय भूपिंदर उनके अधीन गिटार वादक के रूप में काम कर रहे थे.

इनके द्वारा लिखी गई पहली हिट गजल ‘होके मजबूर मुझे उसने बुलाया होगा’ से इन्होंने अपनी पहचान बनाई और तत्पश्चात एक से बढ़कर एक

गजल-‘दो दीवाने शहर में’, ‘दिल ढूंढता है फिर वही फुर्सत के’ आदि गाकर श्रोताओं के दिलों में अपनी जगह बना लिया. पारिवारिक सूत्रों का कहना है कि भूपेंद्र सिंह का अंतिम संस्कार 19 जुलाई 2022 को किया जाएगा.

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