दिवंगत सीओ जियाउल हक के हत्यारोपी को सपा का टिकट, पत्नी परविन ने जताया विरोध

मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष 2013 में यूपी के जिला प्रतापगढ़ के कुंडा में तैनात पीपीएस अधिकारी जियाउल हक की हत्या

उस समय भीड़ के द्वारा कर दी गई जब बलीपुर गांव में विवाद के कारण फैली अराजकता को शांत करने गए हुए थे.

इस घटना में कुंडा क्षेत्र में अपना प्रबल प्रभाव रखने वाले रघुराज प्रताप उर्फ राजा भैया सहित गुलशन यादव के विरुद्ध नामजद एफआईआर दर्ज किया गया था.

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CO की हत्या का आरोप गुलशन यादव पर लगा था किंतु सीबीआई से पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप को क्लीन चिट मिल गई थी.

उसके बाद परविन ने इस फैसले के विरुद्ध इलाहाबाद स्थित उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच में चुनौती दिया जिसके कारण राजा भैया के विरुद्ध फिर से जांच शुरू की गई है.

परवीन आजाद ने राजा भैया की उम्मीदवारी पर भी सवाल उठाते हुए कहा था कि लोकतंत्र में जनता के बीच साफ और स्वच्छ छवि के लोगों की जरूरत है.

इस समय उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 शुरू होने जा रहा है जिसमें समाजवादी पार्टी ने गुलशन यादव को कुंडा से टिकट दे दिया है जोकि जियाउल हक केस में मुख्य आरोपी है.

वहीं अगर देखा जाए राजा भैया जो 1993 से विधायक हैं फिलहाल इस समय दोनों एक दूसरे के विरुद्ध चुनावी मैदान में हैं.

परवीन आजाद ने कहा है कि उनके पति का केस अभी बंद नहीं हुआ, उसकी जांच जारी है. चुनाव में गुलशन यादव जैसे लोग अपनी भागीदारी कर रहे हैं.

कुंडा की जनता को यह सोचना चाहिए कि क्या फैसले लेने हैं और किसे विधायक बनाने की जरूरत है?

आपको बता दें कि परवीन आजाद को सरकार की तरफ से सीओ जिया उल हक की जगह नौकरी दी गई थी, वह अभी पुलिस मुख्यालय में ओएसडी के पद पर तैनात हैं.

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