एयर इंडिया के आईसी-814 विमान में वह विशेष यात्री कौन था…?

जिस ख़ास वीआईपी यात्री को बचाने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी ने तीन खूंखार आतंकियों को छोड़ा उसका नाम है Reberto Giori. यह आदमी De La Rue Giori कंपनी का मालिक है जो पूरी दुनिया का 90% नोट प्रिंटिंग कारोबार पर नियंत्रण रखती है.

1999 में काठमांडू से दिल्ली जाने वाली फ्लाइट को आतंकियों ने अपरहण कर लिया. जहाज अमृतसर हवाई अड्डे पर ईंधन भराने के लिए उतरा था. पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पंजाब कमांडो द्वारा रेस्क्यू कराने की परमिशन मांगी.

लेकिन तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने इज़ाज़त देने से इंकार कर दिया. दूसरी ओर स्विट्ज़रलैंड और यूरोप के देश अरबपति Roberto Giori की सुरक्षा के लिए चिंतित थे. वह लगातार वाजपेयी सरकार पर दबाव बना रहे थे.

सेना, NSG, अपरहणकर्ता आतंकियों से लड़कर विमान यात्रियों को छुड़ाने के लिए तैयार थे लेकिन वाजपेयी सरकार में साहस और इच्छाशक्ति की भारी कमी लग रही थी.

अपरहणकर्ताओं से निपटने के लिए दिल्ली में हाई लेवल मीटिंग हुई. इस मीटिंग में वायपेयी, आडवाणी, अरुण शौरी, जसवंत सिंह, NSA बृजेश मिश्र, रॉ प्रमुख (RAW), एनएसजी प्रमुख (NSG) और अजित डोभाल ने शिरकत की.

इन सभी कुलीन वर्ग के मंत्री, अधिकारियों ने तीन आतंकियों को छोड़ने का फैसला किया. जसवंत सिंह और अजित डोभाल तीन आतंकियों को कंधार छोड़ आए.

आज भी वही वर्ग सत्ता में है आप उम्मीद कर रहे हैं मोदी सरकार चीन को जवाब देगी तो आप गलत हैं, सेना की इच्छा शक्ति है लेकिन कुलीन वर्ग की सरकार में दम नही है.

यह लोग देश में डिटेंशन कैंप बनाकर जनता को प्रताड़ित कर सकते हैं लेकिन L.A.C पार सेना का कैंप बनाकर चीन को प्रताड़ित करने की इनमें हिम्मत नही है क्योंकि मजबूत भारतीय सेना का नियंत्रण कमजोर हाथों में है.

(ये लेखक के निजी विचार हैं)

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