संविधान दिवस और संविधान को बचाने की कवायद?

{सईद आलम खान की कलम से} 

अंग्रेजी शासन से लंबी लड़ाई के बाद अंततः जब 1947 में हमें आजादी मिली तो हमारे समक्ष यह सबसे बड़ी समस्या थी कि हम किस शासन प्रणाली को

आधार बना कर भारत का नेतृत्व प्रारंभ करें.? क्योंकि प्राचीन काल से लेकर मध्यकाल तक हमने राजतंत्र से लेकर सैन्य तंत्र तक की पद्धति को देखा था.

  उनके लिए शासन का कौन सा सिस्टम

देकर देशवासियों को एकता तथा एकरूपता का का एहसास कराएं. यहीं से शुरू होती है संविधान रचना की कहानी जिसे तैयार करने में 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन यानी कि लगभग 3 वर्ष लग गए.

तब जाकर हमने संविधान का एक प्रारूप तैयार किया, इसी प्रारूप को संविधान सभा द्वारा 26 नवंबर, 1949 को अपनाते हुए देश के शासन की पृष्ठभूमि लिखी गई. 

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने 26 नवंबर को संविधान दिवस/ विधि दिवस के रूप में मनाया जाने का ऐलान किया तभी से हम संविधान दिवस मनाते आ रहे हैं.

संविधान दिवस पर संविधान की प्रमुख विशेषताएं:

भारतीय संविधान दुनिया का सबसे बड़ा और लिखित संविधान है जिसमें 12 अनुसूचियां, 25 भाग तथा 344 अनुच्छेद हैं।

  • यह लोगों का, लोगों के लिए, लोगों द्वारा लिखा गया संविधान है. 
  • इसके प्रस्तावना में भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक, कल्याणकारी राज्य घोषित किया गया है
  • हमारा संविधान नागरिकों को मौलिक अधिकार देने के साथ-साथ मौलिक कर्तव्यों की भी चर्चा करता है
  • भारत की विविधता को देखते हुए यहां रहने वाले सभी नागरिकों तथा विदेशी लोगों के प्रति सम्मान की व्यवस्था की गई है

वर्तमान चुनौतियां:

जिस तरीके से देश अलग-अलग सरकारों द्वारा संचालित होता रहा है, उसी क्रम में आज संविधान की मूल भावना को बाधित करने तक का आरोप लगता रहा है.

शायद यही वजह है कि अभी देश में बड़ा जनसमूह संविधान बचाओ जैसी रैली निकालने को विवश हो गया है. वर्तमान भाजपा सरकार पर संविधान की हत्या करने का भी आरोप लगता रहा है.

संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर ने कहा था कि हम संविधान कितना भी बेहतर बना लें किंतु यदि उसको चलाने वालों की नियत ठीक नहीं हुई तो अच्छे से अच्छा संविधान भी अपना महत्व को खो देगा.

आज भाजपा और आरएसएस के लोग जिस तरीके से संविधान को बदलने की बात कर रहे हैं उसको देखकर ऐसा लगता है कि वह दिन दूर नहीं जब देश में एक अलग तरह की क्रांति देखने को मिल जाए.

Leave a Comment

Translate »
error: Content is protected !!