BY- THE FIRE TEAM
आरक्षण कोई गरीबी उनमूलन कार्यक्रम नही बल्कि आरक्षण एक प्रतिनिधित्व है जो गरीब और शोषित समाज के लोगों को दिया गया एक मौका है ताकि वे लोग शाशन और प्रशाशन का हिस्सा बन सके। पर हालिया में आये एक कोर्ट के फैसले की वजह से उच्च शिक्षा में जो विश्विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती से लेके जुड़ा मामला है, में 13 पॉइंट रोस्टर लागू कर दिया गया, नतीजा ये हुआ की दलित, पिछड़ा और अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए विवि में शिक्षक बनने के रास्ते बंद हो गए।
5 मार्च भारत बंद में 13 पॉइंट रोस्टर एक अहम मुद्दा था जिसको लेके देश भर में कई संगठनों के साथ-साथ कई विश्विद्यालयों के छात्रों ने जिससे लिया और सरकार के सामने अपनी बात रक्खी।
13 पॉइंट रोस्टर के अलावा कई और भी अहम मुद्दों को लेकर भारत बंद और प्रदर्शन किया गया।
*सवर्ण आरक्षण व संविधान संशोधन रद्द करने,
*विश्वविद्यालय में शिक्षक नियुक्ति में विभागवार 13प्वाइंट रोस्टर के खिलाफ विश्वविद्यालय को इकाई बनाते हुए 200प्वाइंट रोस्टर के पक्ष में अध्यादेश लाने,
*लाखों आदिवासियों को जंगल-जमीन से बेदखल करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अध्यादेश लाने,
*संख्यानुपात में प्रतिनिधित्व की गारंटी के लिए अतिपिछड़ों-पिछड़ों का आरक्षण बढ़ाने व आरक्षण की सीमा 50प्रतिशत से बढाकर 69प्रतिशत करने।
5 मार्च भारत बंद के दौरान आज बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर केन्द्रीय विश्वविद्यालय में 13 पॉइंट रोस्टर व् केंद्र सरकार द्वारा आदिवासी समाज के लोगो की छीनी जा रही जमीनों के विरोध में 5march_Bharat_bandh के तहत विश्वविद्यालय में सैकड़ो की संख्या में छात्र एवं छात्राओ ने विरोध प्रदर्शन किया और विश्वविद्यालय के कुलपति महोदय प्रो. संजय सिंह जी को राष्ट्रपति जी को संबोधित ज्ञापन पत्र दिया और मांग किया की 13 पॉइंट रोस्टर को रद्द किया जाए तथा 200 रोस्टर लागू किया जाए और आदिवासी समाज के लोगो की जमीने सुरक्षित रखी जाए।