सफलता की कहानी: आईपीएस नूरुल हसन, बिना कोचिंग पास की यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा


BY- THE FIRE TEAM


सफलता तुम्हारा परिचय दुनिया से करवाती है।

हम बात कर रहे है मूल रूप से उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले के एक छोटे से गांव हररायपुर के रहने वाले नूरुल हसन की, जिनकी मेहनत और लगन ने उन्हें इस मुकाम पे पहुँचाया जहां उन्हें अब अपना परिचय देनें की आवश्यकता नही है। अपनी मेहनत और लगन के बलबूते नूरुल हसन ने वह मुकाम हासिल किया कि आज उन्हें सब लोग जानने लगे हैं।

आर्थिक तंगी और संसाधनों के अभाव भी नूरुल की सफलता के बीच नही आ पाए और उन्होंने बिना कोचिंग आईएएस की परीक्षा पास की। 2015 में हुई।

आईएएस की परीक्षा में नूरुल का चयन हुआ और वे वर्तमान में महाराष्ट्र में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में कार्यरत हैं और एएसपी के पद पर तैनात हैं।

22 साल की नूरुल हसन यूपी के पीलीभीत जिले की रहने वाले हैं। उन्होंने 8वी कक्षा तक सरकारी स्कूल में अध्यन किया। 10 वीं कक्षा 67 प्रतिशत से पास करने के बाद, वे अपने पिता के साथ बरेली चले गए और हिंदी माध्यम से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की जिसमें उन्होंने 75 प्रतिशत नंबर हासिल किए। बाद में, उन्होंने बीटेक के लिए 2009 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। उन्होंने एएमयू में अपनी पढ़ाई के दौरान अंग्रेजी भाषा में अपनी दक्षता में सुधार किया। उन्होंने अपने 10 दोस्तों के साथ एक मंच की स्थापना की, जो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मामलों पर विचारों का आदान-प्रदान करते थे। वे मॉक इंटरव्यू भी आयोजित करते थे।

नूरुल हसन 14 महीने सिमेंस कंपनी में और 1 साल परमाणु ऊर्जा आयोग में नौकरी करने के पश्चात उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की। और एक वर्ष में ही उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2014 में 625वी रैंक हासिल की।

हिंदी माध्यम के छात्र होने के कारण, उन्होंने बाद में अपनी अंग्रेजी में सुधार किया और सिविल सेवा परीक्षा को क्रैक किया। वह युवाओं के लिए रोल मॉडल हैं।

Leave a Comment

Translate »
error: Content is protected !!