प्राप्त सूचना के मुताबिक भारतीय न्यायिक प्रणाली के समक्ष एक अजीबोगरीब अपील करने का मामला सामने आया है जिसमें सर्वोच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता की याचिका को न केवल खारिज किया है बल्कि उस पर ₹5000 का जुर्माना भी ठोका है..
मामला बिहार राज्य की रहने वाली अनीता देवी बनाम संजय कुमार व अन्य के बीच संपत्ति विवाद से जुड़ा है जिसमें निचली अदालत द्वारा 1965 में फैसला सुनाया गया था.
फैसले के विरुद्ध पटना हाईकोर्ट में अपील दायर की गई, अब इस पूरे प्रकरण को बीते 56 वर्ष हो चुके हैं जिसको लेकर पुनः पटना हाई कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर की गई.
इस विषय में न्यायाधीश संजय किशन कौल और हृषिकेश राय की पीठ ने कहा कि 56 वर्ष पहले जब 1965 में दायर की गई अपील में हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया तब किसी भी पक्ष ने आपत्ति नहीं जताई थी.
आज स्थिति यह है कि प्रतिवादी का निधन हो चुका है फिर 56 वर्ष बाद इस मामले में अपील करने का कोई अर्थ नहीं रह जाता है. अपने निर्णय के संबंध में न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि-
“इस तरह की याचिका से न्यायालय का समय बर्बाद होता है तथा याचिकाकर्ता तथा अगंभीरता का भी पता चलता है.”
ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने मामले को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर ₹5000 लगाने के साथ ही जुर्माने की रकम को सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड वेलफेयर फंड में 4 हफ्ते के अंदर जमा करने का भी आदेश दिया है.