BY- THE FIRE TEAM
सुप्रीम कोर्ट ने विश्विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति में आरक्षण को लेकर दाखिल पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया। दरअसल विश्विद्यालयों में अब तक शिक्षकों की नियुक्ति में आरक्षण विश्विद्यालय के आधार पर होता था जिसे अब विभागीय आधार पर कर दिया गया है।
जस्टिस यू यू ललित और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की पीठ ने केंद्र और यूजीसी द्वारा दिये गए आधारों पर गौर किया और 22 जनवरी के फैसले में पाया कि इसमें बदलाव का कोई कारण नजर नही आता।
इसका मतलब ये हुआ कि विश्विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति में विभाग को यूनिट मानकर आरक्षण दिया जाएगा नाकि विश्विद्यालय को यूनिट मानकर।
गौरतलब है कि इस मुद्दे को लेकर तमाम छात्र छात्राओं के साथ शिक्षक भी पहले से आंदोलन करते आ रहे हैं और अध्यादेश लाने की मांग भी कर रहे हैं। और अब इस फैसले के बाद आंदोलन में तेजी होने की संभावना भी है।
मुद्दा 13 पॉइंट रोस्टर बनाम 200 पॉइंट रोस्टर का है, जिसमें तमाम बहुजन छात्र 200 पॉइंट रोस्टर की वापसी की मांग को लेकर विरोध मार्च भी निकाल चुके है।
लेकिन कोर्ट के इस फैसले के बाद फिर से 13 पॉइंट रोस्टर ही लागू होगा जिसमें विभागीय आधार पर आरक्षण की व्यवस्था है। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति ओर अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए विभागीय आरक्षण ही लागू होगा।