सन्यासियों के मंदिर में कब तक प्रतिबंधित रहेगा दलित समाज का प्रवेश?

कहने को तो हम भारत में सर्वधर्म समभाव के नैतिक मूल्यों पर रह रहे हैं किंतु यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि आजादी के 70 वर्षों के बाद भी समाज की एक वृहद समस्या ‘छुआछूत’ से हम स्वयं को बाहर नहीं निकाल पा रहे हैं. आज भी देश में जाति-पांति, ऊंच-नीच का बोलबाला है, संविधान … Read more

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