21वीं सदी में कुछ ऐसे अनुभव जो अब सिर्फ मिसाल बनकर रह जायेंगे…
(मालिक साहब की कलम से…) हम भाग्यशाली लोग हैं जो 1950 और 1999 के बीच पैदा हुए हैं, क्योंकि हम आखिरी लोग हैं जिसने मिट्टी के घरों में बैठकर परियों की कहानियां सुनीं. जिन्होंने लालटेन की रोशनी से कहानियाँ भी पढ़ीं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को एक पत्र में अपनी भावनाओं को भेजा, जो टाट पर … Read more