बिहार राज्य में कोरोना संक्रमण को रोकने के नाम पर पीपीई किट खरीदने से लेकर सेनेटाइज करने तक के पुरे प्रक्रमण में सरकार विफल रही है.
एक वर्ष तक कोरोना प्रबंधन करने तथा 10 हज़ार करोड़ रुपए कोरोना के नाम पर फूँकने के बाद भी बिहार में हालात सुधरने की बजाय बिगड़ गए हैं.
एक वर्ष तक कोरोना प्रबंधन करने तथा 10 हज़ार करोड़ रुपए कोरोना के नाम पर फूँकने के बाद भी बिहार में हालात सुधरने की बजाय बिगड़ गए है। इतनी लूट के बावजूद भी येन केन प्रकारेण सत्ता में बरकरार रहे मुख्यमंत्री और अधिक अहंकारी व असंवेदनशील हो गए है।सिस्टम में कहीं कोई सुनने वाला नहीं?? pic.twitter.com/GXWvqfoPMP
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 16, 2021
इतनी लूट के बावजूद भी येन-केन-प्रकारेण सत्ता में बरकरार रहे मुख्यमंत्री और अधिक अहंकारी व असंवेदनशील हो गए हैं, सिस्टम में कहीं कोई सुनने वाला नहीं है.
विपक्ष का मज़ाक बनाने और विगत एक वर्ष में ग्राउंड ज़ीरो से प्राप्त सकारात्मक जनकल्याणकारी सुझावों को दरकिनार करने से मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को क्या लाभ हुआ?
क्या मरते राज्यवासियों, रोते-बिलखते परिजनों और दर-दर की ठोकर खा रहे ग़रीबों का दुःख-दर्द देख उनकी रूह नहीं कांपती?
देखिये गोरखपुर से सांसद रवि किशन ने क्या कहा?