आज की तारीख में भगत सिंह के वारिस होने का मतलब

अपनी भावनाओं, विचारों और कुर्बानियों के चलते कोई व्यक्ति किसी देश में क्रांति की अनवरत जलती मशाल बन जाता है, चाहे जितनी आंधी आए, चाहे जितने तूफान आएं, वह मशाल बुझती नहीं. हां, उसकी लौ कभी धीमी और कभी तेज हो जाती है. भारतीय समाज में सिर्फ साढ़े तेईस वर्ष का एक नौजवान भगत सिंह … Read more

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