वीरगति पाने से पहले भगतसिंह द्वारा अपने साथियों को लिखा गया अन्तिम पत्र

साथियों, स्वाभाविक है कि जीने की इच्छा मुझमें भी होनी चाहिए, मैं इसे छिपाना नहीं चाहता. लेकिन एक शर्त पर जिंदा रह सकता हूँ कि मैं कैद होकर या पाबन्द होकर जीना नहीं चाहता. मेरा नाम हिन्दुस्तानी क्रांति का प्रतीक बन चुका है और क्रांतिकारी दल के आदर्शों और कुर्बानियों ने मुझे बहुत ऊँचा उठा … Read more

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