कड़वा है मगर सच बताएंगे तो बहुत लोगों की भावनाएं आहत होंगी…

कौन सी दिशा में बढ़ने को प्रगति कहना चाहिए, इसका कोई पैमाना नहीं है क्योंकि समय के साथ बहुत चीजों के मायने बदल जाते हैं. मसलन गाँवों का शहरों में परिवर्तित हो जाना, पैरों तले मिट्टी की जगह सीमेंट का या जाना, खेतों में फसलों की जगह इमारतों का उगना, इंसानों का इंसानों के साथ … Read more

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