लोकतंत्र के राजा का बाजा, विष्णु नागर के व्यंग्य
सिर्फ़ राजतंत्र में राजा नहीं होते, लोकतंत्र में भी होते हैं. फर्क यह होता है कि इनके पद का नाम राजा नहीं होता-प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति जैसा कुछ होता है. फर्क यह भी होता है कि बेचारों को पांच साल में कम से कम एक बार चुनाव लड़ना पड़ जाता है. अगर कोई प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति … Read more