दहेज जुर्म है या व्यवस्था? आइये जानते हैं (Part-2)
(आशुतोष पांडेय की कलम से) हमारे रीति रिवाज में भी रक्षा बन्धन, भाई दूज आदि पर्व हैं जो भाई को उसकी बहन की जिम्मेदारी उठाने की प्रेरणा देते है. रिश्ते एक मर्यादा की डोर से बंधे रहते थे, सम्पत्ति से बड़ा होता था– “रिश्ते नातों का सम्मान” और एक व्यवस्था दी गई थी जहां लड़की … Read more