देश में लज्जा और उधर निर्लज्जता की सारी हदें पार करती सत्ता: बादल सरोज (Part 2)

इतना सब होने और होते रहने के बाद भी देश का प्रधानमंत्री चुप रहा. उनकी चुप्पी चुनिन्दा थी-वरना बाकी जगहों पर दूसरे मामलों में, उनकी घनगरज धुआंधार थी. वे इस बीच कोई दस दिन कर्नाटक विधानसभा चुनाव में गली-चौराहों पर चुनावी सभाओं में गरजे, अपने कारोबारी मित्रों के धंधों को बढवाने के लिए जापान, पापुआ … Read more

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