सदन में घुसकर धूँआ उड़ाने वाले गिरफ्तार युवकों को लेकर जमकर बरसे पूर्वाञ्चल गांधी

बेरोजगारी एवं गरीबी से परेशान युवा सदन से कहना चाहते थे कि “शानो-शौकत एवं ऐश्वर्य का जीवन जीने वाले” जरा मेरे जीवन की भी परवाह करिये. यदि ‘अहिंसात्मक अभिव्यक्ति’ प्रत्येक नागरिक का मौलिक अधिकार है तो सदन में धुआं छोड़कर किया गया प्रतिरोध संवैधानिक है, उनके लिए उन्हें जेल भेजा जाना संविधान की हत्या है. … Read more

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