मैं एक बेघर बेचारा! व्यंग्य: राजेन्द्र शर्मा
कहते हैं‚ आज की दुनिया में सब अपना–अपना स्वार्थ देखते हैं. अमीर तो अमीर‚ गरीब भी. बताइए‚ मोदी जी को खुद अपने मुंह से यह कहना पड़ा कि वह तो गरीबों को खोज–खोज कर उनके लिए घर बनवा रहे हैं, पक्के घर बनवा रहे हैं. हजार–दो हजार नहीं‚ लाख–दस लाख नहीं‚ पूरे चार करोड़ घर … Read more