भारत में कई पढ़े-लिखे लोग भी निजीकरण को बहुत हल्के में ले रहे हैं…
निजीकरण एक “गुलामी का पेंच” है जो धीरे-धीरे आपका गला घोंट देगा देश में जिस गति से सरकारी संस्थानों का ‘निजीकरण’ किया जा रहा है उसको देखकर ऐसा लगता है कि अब वह समय दूर नहीं कि जब इतिहास पढ़ाया जाएगा कि भारत की आखिरी सरकारी ट्रेन, आखिरी सरकारी बस, आखिरी सरकारी बिजली कंपनी, आखिरी … Read more