आइये जानते हैं निजीकरण बनाम सार्वजनिक संस्थानों के मायने

यदि निजीकरण अच्छा होता तो सरकारी बैंकों से ज्यादा भीड़ प्राइवेट बैंको में होती, यदि वास्तव में निजीकरण अच्छा होता तो रोडवेज बस की तुलना में ज्यादा लोग प्राइवेट बस में चलना पसन्द करते. यदि निजीकरण अच्छा होता तो सरकारी अस्पताल से ज्यादा भीड़ प्राइवेट अस्पताल में होती, यदि निजीकरण अच्छा होता तो लाखों स्टूडेंट्स … Read more

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