महामहिम राष्ट्रपति महोदया मेरे हिस्से का लोकतंत्र कहां है?: पूर्वांचल गांधी

GORAKHPUR: जन सरोकारों से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए नेतृत्वकर्ता को किस हद तक कुर्बानी देकर आवाज उठानी पड़ती है इसका अंदाजा हम आजाद भारत के वर्तमान समय में देख सकते हैं. आज हम स्वतंत्र देश में संवैधानिक मूल्यों द्वारा शासित हो रहे हैं जिसमें शासक और शासित दोनों एक ही देश के नागरिक … Read more

Translate »
error: Content is protected !!