जेल के अँधेरों के लिए भी ज़रूरी हैं रोशनी की चंद किरणें-भाग-2

जेल बन्दियों के बारे में आज संवेदनशील और प्रगतिशील नजरिये से सोचा जाना चाहिए. लगभग एक वर्ष से जेल बन्दियों को अदालतों में पेशी, वकीलों, परिजनों, दोस्तों की मुलाकात से जिस तरह महरूम कर दिया गया है, यह उनके मानवाधिकारों का हनन है, लेकिन इस विषय को प्रमुखता से नहीं उठाया जा रहा है. इन … Read more

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