महान क्रान्तिकारी संत रैदास की जयन्ती पर शत-शत नमन

चेतना हमेशा पदार्थ से निकलती है. पदार्थ से अलग चेतना का कोई वजूद नहीं हो सकता. रैदास के जो क्रान्तिकारी विचार हैं वे विचार उस वक्त की भौतिक परिस्थितियों में ही पैदा हो सकते थे. हम उस वक्त की भौतिक परिस्थितियों से जोड़कर ही रैदास के क्रान्तिकारी विचारों को सही अर्थों में जान सकते हैं. … Read more

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