‘राष्ट्रीय शिक्षिका दिवस’ मनाने की जरूरत क्यों है?
{गौतम कुमार प्रीतम} जो बात 19वीं सदी में बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने कहा था कि शिक्षा शेरनी का वह दूध है जिसे जो जितना पिएगा वह उतना ही डालेगा दहाड़ेगा. इस तथ्य को शायद सावित्रीबाई फुले तथा महात्मा ज्योतिबा फुले भली-भांति बहुत पहले ही समझ गए थे. शिक्षा के अभाव में शूद्रों और … Read more