फादर स्टेन स्वामी की स्मृति में भावविभोर करने वाली मेघा बहल की कविता

(मेघा बहल की कलम से) फादर स्टेन स्वामी ”न तुम कभी गए, न हुआ उलगुलान का अंत” आज जब उधेड़ा जाएगा तुम्हारा पार्थिव शरीर, क्या देखेंगे ये समाज, सरकारें, और न्यायपालिका? डली भर ईमानदारी, आदिवासी संघर्षों के प्रति चंद लेख, चिन्हित करते अन्याय के किस्से और विचाराधीन कैदियों की आजादी का एक छोटा सा गीत. … Read more

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