सामाजिक कार्यकर्ता ‘चिपको आंदोलन’ के प्रणेता को ‘कोरोना’ ने बनाया अपना शिकार, अब नहीं रहे हमारे बीच
(सईद आलम खान की कलम से) क्या है जंगल के ऊपर, मिट्टी, पानी और बयार, यही हैं जिंदा रहने के आधार कहते हैं प्रकृति ने मनुष्य को वह सब कुछ दिया है जिसका वह हकदार है. झील, झरने, वनस्पतियां, जंगल, जमीन आदि ये सारे भौतिक संसाधन सभी जीवो के लिए प्रकृति ने बनाया है, किंतु … Read more