भारत में आज ‘न्याय’ शब्द अपना अर्थ अब खोता जा रहा है: रामचंद्र गुहा

वर्ष 2000 में चर्चित अर्थशास्त्री टी एन श्रीनिवासन ने अपने लेक्चर के दौरान कहा था कि भारत में अगर कोई गरीब है तो इसकी अधिक संभावना है कि वह किसी ग्रामीण क्षेत्र में रह रहा होगा, अनुसूचित जाति, जनजाति अथवा सामाजिक रुप से पिछड़े वर्ग से संबंध रखता होगा. कुपोषित बीमार या फिर कमजोर स्वास्थ्य … Read more

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