केंद्र सरकार के द्वारा पारित किए गए ‘किसान बिल’ के विरोध में पिछले 100 दिनों से किसान धरनारत हैं. इस विरोध प्रदर्शन में पुरुषों के साथ महिलाएं भी कंधे से कंधा मिलाकर उनका साथ दे रही हैं.
सरकार और किसानों के बीच कृषि बिल से संबंधित विवादास्पद बिंदुओं पर बैठक भी हुई किंतु कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकल सका है.
‘मुझे भयभीत नहीं किया जा सकता’: टाइम मैगजीन कवर में भारत के किसानों के विरोध का नेतृत्व करने वाली महिलाओं को दिखाया गया है https://t.co/s7kAlpNU81
— sudhir sah (@24gnewsHindi) March 5, 2021
किसान अब इस मांग पर अड़े हुए हैं कि जब तक सरकार कृषि बिल को पूरी तरीके से वापस नहीं ले लेगी तब तक वह अपना धरना खत्म नहीं करेंगे.
आपको बताते चलें कि भारतीय किसान यूनियन के बड़े नेता राकेश टिकैत इन किसानों के अलग-अलग समूहों को नेतृत्व देने का कार्य कर रहे हैं.
टाइम मैगजीन का अगर तथ्य रखे तो इस अंतरराष्ट्रीय पत्रिका ने अपने कवर पेज पर पुरुष किसानों के साथ विरोध में शामिल महिलाओं को जगह देते हुए टैगलाइन लिखा है कि-
“मुझे डराया नहीं जा सकता और मुझे खरीदा नहीं जा सकता.” इस तस्वीर में महिलाओं के साथ छोटे-छोटे बच्चों को भी दर्शाया गया है जहां यह महिलाएं बच्चों को गोद में उठाकर नारेबाजी करती हुई नजर आ रही हैं.
यह बहुत ही संवेदनशील मामला बन चुका है क्योंकि भीषण ठंड में शुरू हुए किसान आंदोलन में अब तक 100 से अधिक किसानों की मौतें हो चुकी हैं.
दुखद पहलू यह है कि प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में भी मृत किसानों के पक्ष में कोई सहानुभूति तक व्यक्त नहीं किया, सिर्फ सरकार की तरफ से
इन किसानों को केवल आश्वासन ही दिया गया जिसे इन किसानों ने सिरे से खारिज कर दिया है.