रूस-यूक्रेन विवाद के चलते उपजे तनाव के बाद जिस तरीके का यहां भीषण युद्ध दोनों देशों में हो रहा है उसके कारण अपार जन-धन की क्षति हो रही है.
‘संयुक्त राष्ट्र संघ’ के समझाने और चेतावनी देने के बाद भी जब रूस ने हमला करना बंद नहीं किया तो उसे संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग से बाहर कर दिया गया है.
इसके लिए विभिन्न देशों के बीच वोटिंग कराया गया जिसमें यह निर्णय लिया गया कि रूस को इससे बाहर किया जाए.
हालांकि इस वोटिंग में भारत ने हिस्सा नहीं लिया जबकि 24 देशों ने इस निर्णय के विरुद्ध मतदान किया वहीं 58 सदस्य देशों ने इससे दूरी बनाए रखी.
ये राष्ट्रपति पुतिन है जो जंग चुन रहे हैं। युद्ध की पूरी ज़िम्मेदारी रूस की होगी और उसे उसकी भारी क़ीमत रूस को चुकानी पड़ेगी : UN में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफ़ील्ड pic.twitter.com/NhSHYgyTe7
— The India Bulletin (@IndiaBullettin) February 24, 2022
आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र में लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने मानवाधिकार परिषद से रूस को सस्पेंड करने के लिए यह विशेष बैठक बुलाई थी
जिसमें उसको यूएनएचआरसी से बाहर करने के लिए पक्ष में दो तिहाई मत पड़े. यूक्रेन के बुचा में बड़ी संख्या में निर्दोष यूक्रेनी मारे गए हैं
जिसे लेकर यूक्रेन ने रूस पर नरसंहार का आरोप लगाया, हालांकि रूस ने इन आरोपों को सीधे तौर पर खारिज कर दिया.
यूक्रेन के अलग-अलग दो प्रमुख क्षेत्रों डोनेटस्क और लुहांसक को स्वतंत्र देश की मान्यता देने के 3 दिनों के बाद रूसी सेना ने
24 फरवरी को यूक्रेन में सैन्य अभियान शुरू किया था. ब्रिटेन अमेरिका कनाडा और यूरोपीय संघ सहित
कई देशों ने यूक्रेन में रूस के संग अभियान की निंदा की है और मास्को पर प्रतिबंध भी लगाया है.