उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव, 2022 में पूर्वांचल में वोट की बड़ी ताकत वाली प्रमुख जातियों की गोलबंदी बड़ा मायने रखेगी.
इनमें से दो जातियां कुर्मी और निषाद (मझवारा) जाति की राजनीति करने वाले नेता भाजपा के साथ गठबंधन में हैं.
तीसरी बिरादरी राजभरों की है जो कि पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा की सहयोगी थी किंतु इस बार भाजपा से छिटकी नजर आ रही है.
दरअसल पूर्वांचल में राजभरों की ताकत सभी दल जानते हैं जिसे देखते हुए भाजपा ने कई राजभर नेताओं को पार्टी में आगे बढ़ाया है.
हालाँकि समाजवादी पार्टी के प्रमुख नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी स्थापित राजभर बिरादरी के नेताओं को जोड़ रहे हैं जो कि सत्ता के गणित को बदल सकता है.
भागीदारी संकल्प मोर्चा की सरकार बनी तो ओमप्रकाश राजभर बनेंगे मुख्यमंत्री,जनसभा में बोले अरविंद राजभर https://t.co/VnQQ2ZxIXk
— द सर्जिकल न्यूज़ (@thesurgicalnews) September 22, 2021
सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभरों के वोट बैंक पर सबसे बड़ी दावेदारी जता रहे हैं. राजभर ने भागीदारी संकल्प मोर्चा बनाकर अन्य जातियों को जोड़ने का काम भी किया है.
पिछला चुनाव भाजपा संग लड़ने वाले ओम प्रकाश राजभर इस बिरादरी में अपना असर बनाए रखने की चुनौती होगी क्योंकि भाजपा ही नहीं बसपा व सपा भी इस पर दावेदारी जता रहे हैं.