देश के 5 राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनाव के समाप्त होने के पश्चात ऐसी आशंका है कि पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ा दिए जाएंगे.
यदि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत देखें तो अभी $100 प्रति बैरल हो चुकी है.
इससे तेल कंपनियों को हो रहे घाटे को समाप्त करने के लिए पेट्रोल और डीजल के दामों में ₹9 प्रति लीटर करने की जरूरत पड़ चुकी है.
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के कारण कच्चे तेल की आपूर्ति में भारत के लिए व्यवधान खड़ा हो गया है.
इस विषय में पेट्रोलियम मंत्रालय और विश्लेषण प्रकोष्ठ ने जानकारी दी है कि भारत जो कच्चा तेल खरीदता था,
उसके दाम 1 मार्च को $102 प्रति बैरल से अधिक हो गया है जो कि 2014 के बाद सबसे ज्यादा कीमत पर पहुंच गई है.
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में सातवें और अंतिम चरण का मतदान 7 मार्च को समाप्त हो जाएगा जबकि अन्य चार राज्यों के लिए मतगणना 10 मार्च को होकर के परिणाम भी आ जाएगा.
कच्चे तेल के दाम बढ़ने से सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों जैसे इंडियन ऑयल कारपोरेशन, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम को पेट्रोल और डीजल पर 5.7 रूपए प्रति लीटर का घाटा उठाना पड़ रहा है.