उत्तर प्रदेश राज्य में नेशनल क्राइम रिपोर्ट ब्यूरो (NCRB) के अंतर्गत क्राइम इन इंडिया की 2019 की रिपोर्ट चौंकाने वाली है. इस रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि-” राज्य की जेलों में सबसे ज्यादा कैदी के रूप में इंजीनियर, मास्टर डिग्री धारक तथा डिप्लोमा होल्डर हैं.”
एक आंकड़े के मुताबिक संपूर्ण देश की जेलों में टेक्निकल डिग्री रखने वाले कैदियों की संख्या लगभग 3740 है जिनमें सबसे अधिक 727 कैदी उत्तर प्रदेश की जेलों में कैद हैं.
Scholarly jails of UP: NCRB data reveals state has highest number of engineer, postgraduate inmates.https://t.co/rb3HnoPPsW
— TIMES NOW (@TimesNow) October 8, 2020
टेक्निकल डिग्री रखने वाले 20 प्रतिशत से अधिक कैदी भी उत्तर प्रदेश में ही हैं. इसके बाद अपराधियों के रूप में बंद कैदी महाराष्ट्र राज्य में जिनकी संख्या 495 है. वहीं 362 कैदियों के साथ कर्नाटक तीसरे स्थान पर है.
जैसा कि अक्सर यह कहा जाता है कि पढ़े-लिखे लोग अपराध करने से बचते हैं किंतु यह आंकड़े यह दर्शा रहे हैं कि अपराध करने वालों के लिए पढ़ाई लिखाई करना बहुत ही अधिक आवश्यक शर्त नहीं है.
इस विषय में उत्तर प्रदेश के जेल महानिदेशक (डीजी) आनंद कुमार ने बताया कि टेक्निकल की डिग्री रखने वाले अधिक तर कैदियों पर दहेज, हत्या और बलात्कार के आरोप हैं तथा कुछ ऐसे भी है जो किसी आर्थिक अपराध के कारण बंद किए गए हैं.
Qualification no bar: UP jails have highest number of engineers, postgraduates, according to the 'Crime in India 2019' report by NCRB.
https://t.co/sCc7ZbySbg— Canary Trap (@canarytrap) October 8, 2020
आपको यहां बता दें कि इंजीनियरिंग, तकनीकी क्षेत्र की जानकारी रखने वाले कैदी अक्सर उनके काम में सहायक की भूमिका में होते हैं.
दरअसल कई प्रतिभाशाली इंजीनियरों ने तो जेल में ही ई-जेल परिसर विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है जबकि दूसरे तकनीकी ज्ञान रखने वाले कैदियों की मदद से जेल के कंप्यूटरीकरण में सहायता ली गई है.
सबसे बड़ी बात तो यह है कि कैदियों ने जेल परिसर के अंदर जेल रेडियो की स्थापना करने में भी सहायता दी है जिनकी वजह से ही साक्षरता कार्यक्रमों को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण सहयोग मिला है.