ब्राह्मणों को एकजुट करने के लिए बसपा अब अयोध्या के बाद मथुरा-वृंदावन में करेगी सम्मेलन

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है वैसे-वैसे राजनीतिक दलों की भाषा और गतिविधियों में भी आए दिन बदलाव होते जा रहे हैं.

कभी ब्राह्मणों की पुरजोर विरोध करने तथा इन्हें मनुवादी कहने वाली बसपा अब सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर चल पड़ी है. यही वजह है कि बसपा महासचिव ने अयोध्या में ब्राम्हण सम्मेलन करने के बाद कान्हा की नगरी मथुरा वृंदावन में भी सम्मेलन करने का फैसला किया है.

इस संबंध में सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा है कि- ब्राह्मणों को एकजुट करने का उनका प्रयास अब थमने वाला नहीं है. यह उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में लगातार जारी रहेगा.”

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महासचिव मिश्रा ने बताया कि बसपा ने प्रबुद्ध जन सम्मेलन की शुरुआत राम की नगरी अयोध्या से की है, जबकि दूसरे चरण की शुरुआत अगस्त के महीने में मथुरा और वृंदावन से करेगी.

उन्होंने योगी सरकार पर ब्राह्मणों के उत्पीड़न का आरोप लगाया है. इस बयान के बाद चुनाव से पहले सभी राजनीतिक दल हिंदुत्व के एजेंडे पर लौटने के लिए आतुर दिख रहे हैं.

जैसे-बसपा ने उम्मीद जताया है कि सॉफ्ट हिंदुत्व के एजेंडे पर आगे बढ़ते हुए वह सोशल इंजीनियरिंग के माध्यम से एक बार फिर से यूपी की सत्ता पर कब्जा कर सकती है.

वहीं समाजवादी पार्टी ने भी 22 अगस्त से सिद्धार्थनगर से ब्राह्मणों को एकजूट करने का अभियान शुरू कर रही है.

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