उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजना ‘विशेष सुरक्षा बल’ जो केंद्रीय स्तर पर कार्य करने वाले सी आईएसएफ(CISF) की तर्ज पर बनाई गई है, के गठन के संबंध में निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
इसका उद्देश्य न्यायालयों, प्रशासनिक कार्यालयों तथा अन्य विभिन्न महत्वपूर्ण स्थानों जैसे तीर्थ स्थलों, मेट्रो रेल, हवाई अड्डे, बैंक, वित्तीय, शैक्षणिक, औद्योगिक संस्थानों आदि की सुरक्षा को पुख्ता करना है.
The #YogiAdityanath (@myogiadityanath) government has issued a notification for the formation of the #UttarPradesh Special Security Force(UPSSF).
The UPSSF will be responsible for the security of important government buildings, offices and industrial establishments in the state. pic.twitter.com/BN8zHSk1xd
— IANS (@ians_india) September 13, 2020
इसके लिए पहले चरण में पांच बटालियनों का गठन किया जाना है जिसमें 9,919 कर्मचारी कार्य करेंगे. आपको यहां बताते चलें कि पिछले वर्ष दिसंबर में अदालत परिसर में हुई हिंसक घटनाओं को देखते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने विशेष बल की गठन का निर्देश दिया था.
यही वजह है कि यूपीएसएसएफ (UPSSF) को गठित किया गया है जिसे एडीजी स्तर के अधिकारी लीड करेंगे. इस बल के जवानों को विशेष प्रशिक्षण देकर ऐतिहासिक, धार्मिक तीर्थ स्थलों एवं अन्य औद्योगिक संस्थानों की सुरक्षा के लिए नियुक्त किया जाएगा.
इसके अतिरिक्त निजी औद्योगिक प्रतिष्ठान भी राज्य सरकार को निर्धारित शुल्क देकर विशेष सुरक्षा बल की सेवाएं ले सकते हैं.
Arrest a suspect without warrant, UP govt issues notification for setting UPSSF https://t.co/caZpsOEVky
— Buziness Bytes (@BuzinessBytes) September 13, 2020
विशेष तथ्य: इस बल को राज्य सरकार की तरफ से कुछ ऐसे भी अधिकार दिए गए हैं जिसे लेकर प्रश्न उठाया जा रहा है. जैसे- बल के सदस्यों को बिना मजिस्ट्रेट के आदेश के किसी को भी गिरफ्तार करने,
आपके घरों की तलाशी लेने तथा कोर्ट बिना सरकार की सहमति के बल के जवानों के खिलाफ अपराध का संज्ञान नहीं ले सकता है.