शासन स्तर से घोषणा की गई है कि अब बहनों को अपने दूर दराज क्षेत्रों में रहने वाले भाईओं को राखी बांधने के लिए मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी.
भाई-बहन के स्नेह के अनुपम पर्व श्रावण पूर्णिमा ‘रक्षाबंधन’ के पावन अवसर पर उत्तर प्रदेश राज्य सड़क
परिवहन निगम की बसों में प्रदेश की माताओं-बहनों के लिए निःशुल्क आवागमन की सुविधा होगी.
‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से निःशुल्क बस सेवा 48 घंटे के लिए उपलब्ध होगी.
दिनांक 10 अगस्त की रात्रि 12 बजे से 12 अगस्त की रात्रि 12 बजे तक माताओं-बहनों द्वारा मुफ्त में इस बस सेवा का लाभ प्राप्त किया जा सकता है.
क्यों मनाया जाता है रक्षाबंधन का पर्व?
यदि इस त्यौहार के मनाए जाने की परंपरा की बात करें तो इसका राज पौराणिक कथाओं में छिपा हुआ है.
लक्ष्मी और राजा बलि की कथा से लेकर द्रोपदी-श्री कृष्ण की कथा समेत भविष्य पुराण में भी इसकी चर्चा मिलती है.
ऐसा बताया जाता है कि राजा बलि के साथ इंद्र देव का युद्ध चल रहा था. इसका समाधान मांगने के लिए इंद्र की पत्नी सची
विष्णु जी के पास गई तब विष्णु ने उन्हें एक धागा अपने पति इंद्र की कलाई पर बांधने के लिए दिया.
ऐसा करते ही इंद्रदेव वर्षों से चल रहे युद्ध को जीत गए. यही वजह है कि प्राचीन समय में भी युद्ध में
जाने से पहले राजा/सैनिकों की पत्नियां उन्हें रक्षा सूत्र बांधती थीं ताकि वे सकुशल लौट सकें.
पौराणिक कथाएं बताती हैं कि राखी/रक्षा सूत्र बांधने से पहले उसके बदले में मांगे और पुरा किए जाने वाले वचन का महत्व होता है.
इस दिन सभी बहनें अपने भाइयों को राखी बांधती हैं तथा भाई उसकी रक्षा का वचन देते हैं.