यदि आम आदमी को उसके हाल पर छोड़ दिया जाए तो सरकार का क्या मतलब?: BJP सांसद वरुण गांधी

प्राप्त सूचना के मुताबिक उत्तर प्रदेश के पीलीभीत क्षेत्र से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने योगी सरकार को निशाने पर लेते हुए कई सवाल खड़ा किया है.

दरअसल भारी बारिश के कारण यहां जबरदस्त बाढ़ का प्रकोप आया हुआ है जिसकी वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है.

इसी को संज्ञान में लेते हुए वरुण गांधी ने योगी सरकार से सवाल किया है कि-” यदि आम आदमी को उसके हाल पर छोड़ दिया जाएगा तो फिर सरकार का क्या मतलब है?”

वरुण ने ट्विटर के माध्यम से लिखा है कि इस क्षेत्र का अधिकांश भाग बुरी तरह से जलमग्न है. यहाँ सूखा राशन उपलब्ध कराना चाहिए ताकि कोई भी परिवार सहायता के समाप्त होने तक भूखा ना रहे.

यह दुख की बात है कि जब आम आदमी को सिस्टम की सबसे ज्यादा जरूरत होती है तो वह खुद पर संभालने के लिए छोड़ दिया जाता है तथा सब कुछ उसे ही करना होता है.

आपको यहां बताते चलें कि इस समय उत्तर प्रदेश के पीलीभीत, लखीमपुर खीरी और बरेली जिलों में भारी बारिश के कारण अनेक गांव जलमग्न हो गए हैं.

पीलीभीत में शारदा और देवहा नदियां जबरदस्त उफान पर बह रही हैं. ऐसा नहीं है कि भाजपा में शामिल होने के बाद उसकी कमियों को वरुण गांधी उजागर नहीं करते हैं.

शायद इन्हीं वजह से भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सूची से इन्हें बेदखल कर दिया गया है. ऐसे में कई राजनीतिक पंडित यह अनुमान लगा रहे हैं कि

विगत 17 वर्षों से भाजपा का दामन थामने वाले वरुण उसका साथ छोड़ सकते हैं क्योंकि वरुण गांधी ने किसान आंदोलनों को लेकर के भी अपनी मुखरता जताई थी.

भाजपा के वह एकमात्र नेता और सांसद हैं जिन्होंने लखीमपुर की हिंसा के दौरान किसानों का समर्थन किया और कार्यवाही की मांग की.

अब बड़ा सवाल यह है कि वरुण गांधी पार्टी छोड़ देंगे या पार्टी में रहकर ही उसकी खिलाफत करते रहेंगे, यह तो आने वाला समय बताएगा.

किंतु यह भी सच है कि वर्ष 2019 में वरुण गांधी ने पत्रकारों से कहा था कि यदि उन्होंने भाजपा को छोड़ा तो उसके बाद वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे.

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