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उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से एक अजीबोगरीब मामला देखने को मिला है. वृद्धावस्था में पति और पत्नी को एक दूसरे की सबसे अधिक जरूरत होती है.

किंतु कोई दंपत्ति यदि इस उम्र में तलाक की अर्जी लगा दे तो यह स्वयं में कई प्रश्न खड़े करता है. जी हां, छोटी-छोटी गलतियों और शक के कारण

उम्र के आखिरी पड़ाव में तलाक मांगने वाले बुजुर्गों की संख्या अब बढ़ती चली जा रही है. इस तरह के सबसे अधिक ब्रिटेन में देखने को मिले हैं.

फ़िलहाल ताजा मामला अलीगढ़ का है जहां 1 वर्ष में 50 से अधिक उम्र के 13 दंपतियों ने तलाक की अर्जी दाखिल की है.

75 वर्षीय एक बुजुर्ग ने अपनी 72 वर्षीय पत्नी से तलाक की मांग की है जिसके केंद्र में बेटे को लेकर पति-पत्नी के बीच उपजा विवाद बताया जा रहा है.

स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि दोनों एक ही घर में तो रह रहे हैं किंतु पति नीचे की मंजिल पर रहता है और पत्नी ऊपर की मंजिल पर रह रही है.

इसी तरीके का दूसरा मामला हरदुआगंज की एक महिला का है जिसमें शादी के 43 वर्षों बाद हाथरस निवासी अपने पति से तलाक ले लिया है.

उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों की बात करें तो गोरखपुर-बस्ती मंडल में तो यहां 470 दंपतियों ने तलाक की मांग की है. गोरखपुर में कुल 646 केस दाखिल हुए हैं.

जिनमें 50 वर्ष से ऊपर की उम्र के 386 केस हैं. 50% के करीब बुजुर्गों से जुड़े मामले देख कर न्यायिक अधिकारी भी हैरान हो गए हैं.

प्रधान न्यायाधीश (पारिवारिक न्यायालय) लखनऊ के रिकॉर्ड के अनुसार साल 2022 में 50 से 60 आयु वर्ग के 400 मामले तथा 60 से 70 वर्ष की

उम्र वर्ग के 65 मामले में तलाक की अर्जियां मिली हैं. इस वर्ष 1 जनवरी से अब तक 9 जनवरी के बीच तलाक के 20 नए मामले आए हैं जिनमें 4 मामले तो 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों से जुड़े हैं.

क्या मुख्य वजह है तलाक मांगने की?

आए दिन बच्चों को लेकर होने वाले अनबन के अलावे पेंशन तथा संपत्ति विवाद भी मुख्य कारणों में शामिल है. वहीं पुरानी बातों को लेकर कड़वाहट का मौजूद होना भी इस तलाक के केंद्र में घूम रहा है.

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