वैसे तो उत्तर प्रदेश में विगत कई दिनों से चल रहा ‘लोकतंत्र का उत्सव’ अब समाप्त हो चुका है, किंतु चुनाव में विधायक बने
प्रत्याशियों के बायोडाटा जिस तरह के सामने आए हैं वह चौंकाने के साथ ही सोचने के लिए भी विवश करते हैं.
जी हां, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजे 10 मार्च को आ गए हैं जिसमें भाजपा को प्रचंड बहुमत से जीत मिलने के कारण सरकार बनाने के लिए फिर से तैयार हो चुकी है.
किंतु 18 वीं विधानसभा के इस चुनाव को देखा जाए तो एडीआर(Association for Democratic Reforms) की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2017 के
विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार लखनऊ विधानसभा में 51% से अधिक विधायक अपराधिक छवि के लखनऊ पहुंचे हैं.
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों में से 205 यानी कि लगभग 51% भाजपा विधायकों पर हत्या,
हत्या के प्रयास, अपहरण और महिलाओं के ऊपर अपराध जैसे संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं.
#ADR द्वारा जारी विश्लेषण रिपोर्ट के अनुसार #UttarPradesh के 403 नवनिर्वाचित विधायकों में से 205 यानी करीब 51 फीसदी पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें #BJP के 255 जीते विधायकों में से 111 यानी 44 प्रतिशत आपराधिक पृष्ठभूमि से हैं। https://t.co/Aj0RbJxy35
— Navjivan (@navjivanindia) March 13, 2022
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा के 255 विधायकों में से 111 के विरुद्ध आपराधिक मामले पंजीकृत हैं.
वहीं विपक्षी पार्टी सपा के 111 जीते हुए विधायकों में से 100 पर अपराध के मामले दर्ज हैं जबकि राष्ट्रीय लोकदल के 8 विधायकों में से 7 ऐसे विधायक हैं जिनके खिलाफ गंभीर मामलों का उल्लेख है.