एक सूचना के मुताबिक उत्तर प्रदेश में आदित्यनाथ की सरकार रोजगार देने का सिर्फ स्वांग कर रही है. कोरोना वायरस महामारी के दौर में भी मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने महिला समाख्या, 181 विमेन हेल्पलाइन और आंगनबाड़ी में कार्यरत हजारों महिलाओं की नौकरी छीन लिया है.
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— Dinkar Kapoor (@dinkarkapoor5) November 28, 2020
अनेक महिलाओं से तो केवल काम कराया गया जबकि उनको भुगतान किए बिना ही जबरन सेवानिवृत्त कर दिया गया है. यह सरकार मिशन शक्ति के नाम पर महिलाओं की सुरक्षा,
सम्मान और स्वालंबन का महज प्रचार कर रही है और इन उद्देश्यों को वास्तविकता में जमीनी स्तर पर उतारने वाली संस्थाओं को बर्बाद करने के लिए हर तरीके के हथकंडे अपना रही है.
— Dinkar Kapoor (@dinkarkapoor5) November 28, 2020
इस विषय में वर्कर्स फ्रंट के अध्यक्ष दिनकर कपूर ने प्रेस के माध्यम से बताया है कि-“लाखों रोजगार के सरकारी दावों के एक बड़े भाग, स्वयं सहायता समूह से पोषाहार वितरण के लिए 6.50लाख महिलाओं को लगाने की हकीकत यह है कि यह समूह अभी तक महज कागजों पर ही चल रहे हैं.
इन्हें जो ₹500 प्रति महीने देने की बात थी वह भी आज तक नहीं दिया गया है.इन समूहों द्वारा गर्भवती महिलाओं तथा बालिकाओं को प्रतिमाह 2 किलो गेहूं और 1 किलो चावल दिया जाना सिर्फ इनकी गरीबी का मजाक उड़ाना है.
यहां तक कि महिलाओं के विषय में अन्य रोजगार संबंधी मामलों में जो भी आंकड़ेबाजी की गई है वह सिर्फ छलावा है वास्तविकता यह है कि उत्तर प्रदेश में महिला रोजगार की भयावह स्थिति है
विभिन्न लघु उद्योगों जैसे चिकनकारी गुणकारी व अन्य घरेलू उद्योग आदि आज तबाह हो चुके हैं तथा इनमें जिन महिलाओं का जीवन यापन चल रहा था वह भूखमरी के शिकार हो चुके हैं.