पद्म विभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्र का छलका दर्द, न्याय के लिए लगाया इंसाफ की गुहार

(सईद आलम खान की रिपोर्ट)

पीएम नरेंद्र मोदी के लोकसभा चुनाव के दौरान 2014 में 5 प्रस्तावकों में से एक रहे पंडित छन्नूलाल जो बनारस घराने से संबंध रखते हैं तथा शास्त्रीय संगीत के सम्राट माने जाते हैं,

बावजूद इसके आज उन्हें अपनी ही बेटी की मौत की सच्चाई जानने के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं. आपको बता दें कि छन्नूलाल की पत्नी और बेटी का कोरोनावायरस से संक्रमित होने के कारण निधन हो गया था.

इनकी बड़ी बेटी संगीता का इलाज बनारस के एक निजी अस्पताल मेडविन में चल रहा था. किन्तु लगातार 7 दिनों तक भर्ती होकर इलाज कराने के बावजूद उनकी मृत्यु हो गई.

इस घटना के पश्चात पंडित जी की छोटी बेटी ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया और अस्पताल के विरुद्ध जिला प्रशासन से कार्रवाई करने की मांग की.

हालांकि एक जांच कमेटी भी गठित की गई किंतु आज 20 दिनों के बाद भी जांच पूरी नहीं की जा सकी है. इस संबंध में मेडविन हॉस्पिटल के मालिक डॉ मनमोहन श्याम ने कहा है कि-

“इलाज के दौरान किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती गई. संगीता का ऑक्सीजन लेवल 72 था जब वह भर्ती हुई थीं हमने पूरी कोशिश की लेकिन उन्हें बचा नहीं पाए.”

यद्यपि हॉस्पिटल के इस बयान से पंडित जी का परिवार संतुष्ट नहीं है और अब उसने फैसला किया है कि मीडिया के सामने आकर सच्चाई जानने के लिए गुहार लगाएंगे.

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