BY-THE FIRE TEAM
वॉशिंगटन: नासा की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि पूर्वी अंटार्कटिका के तट के आठवें हिस्से में फैले ग्लेशियरों के एक समूह से बीते दशक में बर्फ पिघलनी शुरू हो गई है,
जिससे समुद्र में व्यापक बदलावों का संकेत मिला है. नासा के वैज्ञानिकों ने बताया- पूर्वी अंटार्कटिका के पास समुद्री जल स्तर में वृद्धि के माध्यम से
दुनियाभर की तट-रेखाओं को नई आकृति प्रदान करने की क्षमता है, जबकि वैज्ञानिक लंबे समय से इसे पश्चिमी अंटार्कटिका की तुलना में स्थिर मानते आ रहे थे.
NASA satellites reveal East Antarctic glacier melt. https://t.co/lHHoXVwylv #glaciermeting #Antartica #climatechange pic.twitter.com/jLU5qqYvfD
— Vera Lucia Barbosa (@barbosavl) December 11, 2018
मैरीलैंड में नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर की ग्लेशियोलॉजिस्ट कैथरिन वॉकर के नेतृत्व में पाए गए तथ्यों से खुलासा हुआ कि टोटेन के पश्चिम में स्थित
चार ग्लेशियरों के एक समूह में समुद्र स्तर को बढ़ाने के लिए पर्याप्त बर्फ है, जिसमें से कम से कम 11 फीट बर्फ पिघल भी चुकी है. टोटेन पूर्वी अंटार्कटिका का सबसे बड़ा ग्लेशियर है.
इसके अलावा पूर्व के दूर क्षेत्रों में कुछ छोटे ग्लेशियर भी पिघल रहे हैं. टोटेन के पश्चिम में स्थित इन चार ग्लेशियरों की ऊंचाई 2008 के बाद से करीब नौ फीट तक कम हो गई है.
2008 से पहले इन ग्लेशियरों की ऊंचाई में कोई खास बदलाव नहीं आया था. यह ग्लेशियर विनसेन्नेस बे नाम के इलाके में आते हैं.
वॉकर ने सोमवार को एक बयान में कहा, “इसके पीछे का कारण हवाओं और विलेक्स लैंड व विनसेन्नेस बे में समुद्री जल द्वारा पहुंचाई गई गर्मी में वृद्धि के परिणामस्वरूप समुद्री बर्फ में परिवर्तन हो सकता है.”
उन्होंने कहा, “अगर गर्म जल काफी दूर तक चला जाता है तो वह गहरी से गहरी बर्फ में पहुंच सकता है. इससे ग्लेशियर के पिघलने में तेजी आ सकती है लेकिन अभी हमें यह नहीं पता चल सका है कि यह कितना जल्दी होगा.”