इस्लाम धर्म छोड़कर वसीम रिजवी भगवा रंग से सराबोर, जाति और गोत्र भी सुनिश्चित

मिली जानकारी के मुताबिक अपने विवादित बयानों के हमेशा चर्चा में रहने वाले शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने अंततः हिंदू धर्म अपना लिया है.

इन्हें उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित डासना मंदिर के पुजारी यती नरसिंहानंद सरस्वती हिंदू धर्म में स्वीकृति दिलाई है.

धर्म परिवर्तन के ऐलान के साथ ही वसीम रिजवी की जाति और गोत्र भी सुनिश्चित कर दिया गया है ताकि किसी तरह का कोई विवाद उत्पन्न न हो. अब वसीम रिजवी को जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी के नाम से जाना जाएगा.

आपको बताते चलें कि रिजवी ने कुछ दिनों पूर्व कहा था कि इस्लाम के पवित्र ग्रंथ कुरान में 26 ऐसी आयतें हैं जो युवाओं को आतंकवाद के रास्ते पर ले जाती हैं, मदरसों के मुल्ले समलैंगिक होते हैं, यूवकों को आतंकी बनाते हैं आदि.

उनकी इस विवादित टिप्पणी के कारण मुस्लिम समाज में घोर आक्रोश व्याप्त हो गया, यहां तक कि वसीम रिजवी का सिर कलम करने वाले लोगों को पुरस्कार देने की भी घोषणा की गई.

साथ ही 2019 के लोकसभा चुनाव के समय यह भी कहा था कि अगर नरेंद्र मोदी दुबारा प्रधानमंत्री नहीं बने तो मै राम मंदिर के सामने जाकर आत्महत्या कर लूंगा.

इसके अतिरिक्त रिजवी ने मोहम्मद के नाम से एक पुस्तक भी लिखा था जिसमें बताया कि यह पुस्तक पढ़ने से युवाओं को साहस मिलेगा.

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