BY- THE FIRE TEAM
विवादित बयान देकर अकसर चर्चा का विषय बने रहने वाले वसीम रिजवी एक बार फिर मुश्किलों में घिरते नज़र आ रहे हैं।
यह मामला वसीम रिजवी की विवादित फिल्म राम की जन्मभूमि से जुड़ा हुआ है जिसमें इस्लाम विरोधी अपमानजनक टिप्पणी की गई है।
वसीम रिजवी की फ़िल्म में इस्लाम विरोधी अपमानजनक टिप्पणी होने के कारण रूदौली के समाजसेवी सैय्यद फारूक़ अहमद और इलाहाबाद के मौलाना हुसैन अख्तर नें इलाहाबाद उच्च न्यायलय में अधिवक्ता संतोष सिंह के माध्यम से 28 मार्च को याचिका प्रस्तुत की थी।
याचिका पर सुनावाई करते हुए जस्टिस शशिकांत गुप्ता और जस्टिस पंकज भाटिया ने 29 अप्रैल को सरकार को हलफनामा दाखिल करने के साथ दूसरे पक्षकारों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया।
मीडिया से बात करते हुए सै. फारूक ने कहा कि वसीम रिजवी जैसे घृणित मानसिकता के लोग अपने निजी लाभ के लिये किसी भी स्तर तक गिर सकते हैं।
देश में शांति और कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये इन जैसे तत्वों पर नियंत्रण लगाना बहुत जरूरी है और हमें न्यायालय पर पूरा भरोसा है कि न्यायलय इस विषय में एक मिसाली आदेश पारित करेगा।
(राजीव यादव रिहाई मंच)