सिर्फ पेट्रोल-डीजल ही महंगा नही हुआ, 2014 के पहले सरसों तेल 65 रुपये प्रति लीटर था, अब 210 रुपए प्रति लीटर
चीनी 25 रुपये प्रति किलो थी.
अब 42 रुपए प्रति किलो पुरे देश में सबसे महंगी बिजली उत्तर प्रदेश में मिल रही है, सीमेंट की कीमत 195 रुपये होगी. अब 410 रुपए, स्टील की कीमत 3600 रुपये होगी, अब 6500 रुपए रेत थी 1500 रुपए की ट्राली, आज 6000 रुपए की ट्रॉली मोटरसाइकिल की कीमत 50,000 रुपये थी.
अब 90,000 रु. मेडिक्लेम बीमा 1049 रुपये प्रति 1 लाख था,
अब रु.4100, डिश रीचार्ज 110 रुपए था, अब 450 रुपए, 350 रुपये का था गैस सिलेंडर, अब 880 रु गैस सब्सिडी 250 रुपये थी, अब 0 जीरो.
यातायात नियमों के उल्लंघन के लिए अधिकतम 100 रुपये, अब रु.10000. 60 साल में अकेले देश का था 55000 करोड़ का कर्ज, अब 1 लाख 8000 करोड़ है. ड्राईविंग लाईसेन्स 250 मे बनता था, अब 5500 में बनता है. घरेलू असलहा का रिन्यूल 1000 में होता था, अब 6000 में होता है.
27 करोड़ परिवार गरीबी रेखा से ऊपर थे, अब 35 करोड़ परिवार गरीबी रेखा के नीचे जा चुके हैं. रेलवे प्लेटफॉर्म टिकट 5 रुपये, अब प्लेटफार्म टिकट 50 रु, मिट्टी का तेल 20 रुपये प्रति लीटर, अब 60 रुपए प्रति लीटर और मिलना भी बन्द हो गया है.
मोबाइल इनकमिंग फ्री था, अब इनकमिंग जारी रखने के लिए 49 रूपये प्रतिमाह देना पड़ता है. ATM से पैसे निकालने का चार्ज Rs.0 था, अब 3 बार से ज्यादा निकालने पर हर बार 105 रुपये.
देश पर 2.5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था, अब 25 लाख करोड़. सकल घरेलू उत्पाद प्लस 11% था, अब -24%
बेरोजगारी दर 2% थी, अब 14% से भी ज्यादा है.
7 साल बीत चुके हैं, निम्नलिखित में क्या हुआ –
1. कोई बड़ा अस्पताल नहीं बनाया गया 2. ना वाड्रा को जेल भेजा गया 3. ना हम विश्वगुरु बन पाये 4. ना 15 लाख प्राप्त हुए 5. कोई काला धन वापस नहीं आया 6. ना दाऊद, नीरव मोदी, मेहूल चौकसी और विजय माल्या या किसी एक बैंक भगौड़े को पकड़ कर भारत वापस लाया गया
7. 7 साल मे कोई रोजगार नहीं 8. न गंगा मईया स्वच्छ हो पायी 9. महिलाओं पर हो रहे अत्याचार नहीं रुके 10. कोई स्मार्ट सिटी नहीं मिला 11. कोई बुलेट ट्रेन नहीं चली 12. कोई आतंकवादी गतिविधी या घटना नहीं रुका 13. कोई मुद्रास्फीति कम नहीं हुई
14. कोई पेट्रोल-डीजल सस्ता नहीं हुआ 15. किसी किसान को सही कीमत नहीं मिली 16. कोई कश्मीरी पंडित घर नहीं लौटा 17. ना स्टार्टअप इंडिया 18. ना मेक इन इंडिया 19. ना स्किल इंडिया 20. ना डिजिटल इंडिया
21. कोई अच्छे दिन नहीं आए 22. साहब की लाल आँखो से ना चीन घबराया 23. कोई डॉलर का दाम नहीं गिरा 24. कोई गरीब को आरक्षण प्राप्त नहीं हुआ 25. कोई दलितो के उपर अत्याचार कम नही हुआ बल्कि 200% उसमे वृद्धि हुई 26. सीमा पर जवानो की शहादत कम नही हो सकी
स्वघोषित पहरेदार के द्वारा 18-18 घंटे काम करने के बाद वास्तव में क्या हुआ?
अच्छे दिन वाली सरकार 6 साल में क्या-क्या काम करती रही है, आधार कार्ड बनाओ जो बैंक में खाते है उसे आधार नंबर से जोड़ों, आधार नंबर को मोबाइल से लिंक करें.
आधार कार्ड को पैन कार्ड से लिंक करें, एलपीजी गैस नंबर आधार से लिंक जुलाई से पहले रिटर्न भरें, एनोटेशन बदलें.
बदले हुए नोटों का हिसाब रखें, देशहित में गैस सब्सिडी को छोड़ने का काम करें.
अक्सर एटीएम से पैसे न निकालें, अगर आप लंबे समय तक एटीएम से पैसे निकालते हैं, तो पेनल्टी का भुगतान करें, पैसा बैंक खाते में जमा करें बैंक खाते में पैसा कम रखें तो जुर्माना अदा करें.
यदि आप बैंक खाते में अधिक पैसा डालते हैं तो खाते में बताएं कि आपको इतना पैसा कहाँ मिला है. यदि आप बैंक में अधिक पैसा डालते हैं तो कर का भुगतान करें. अपने माल पर कर का भुगतान, सेवा पर कर का भुगतान करें कफन पर टैक्स देना.
अपना सारा पैसा बैंक में रखो और 40 हजार से ज्यादा पैसे निकालने के लिए सरकारी आदेश का पालन करें. आपके खाते में रखे गए पैसे की जिम्मेदारी आपका बैंक नहीं लेगा.
आधार नंबर होने पर ही बच्चों को स्कूल मे एडमिशन मिलेगा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखण्ड, मध्य प्रदेश में बीफ न खाएं यहा गाय माता है.
आप गोवा, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, आसाम मे बीफ खाकर मस्ती कर सकते हैं. स्कूल में योग करो क्योंकि योगगुरू रामदेव इसी से मोदी सरकार की सब्सिडी पाकर अब बिजनेस टॉयफुन बन कर फैक्ट्री चला रहे हैं.
आप सार्वजनिक रूप से चीनी वस्तुओं का प्रयोग न करें, चीनी कंपनियों को केवल सरकार ही ठेका दे सकती है. पेट्रोल/डीजल समेत सभी जरूरी चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं लेकिन दूध के दाम बिसलेरी के पानी से कम हैं.
कहीं भी कुछ भी खरीदें लेकिन सरकार को जीएसटी देना ना भुले. हर वस्तु पर अलग-अलग तरह का जीएसटी टैक्स देना पड़ेगा.
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन के स्टेशन के उदघाटन के लिये झोंपड़ पट्टीयो को करोड़ो रुपये खर्च कर दिवार बनाकर ढकने का काम पूरा किया गया लेकिन कोरोना महामारी के लिये आम लोगों से भीख मांगी गयी.
सरकार ने भारत में 800 रेलवे स्टेशनों पर मुफ्त वाई-फाई प्रदान करने के लिए Google के साथ 4.5 लाख करोड़ रुपये के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.
किसानों की कर्जमाफी के लिए 86,000 करोड़ रूपये नही थे लेकिन सरकार के पास वाईफाई के लिए 4.5 लाख करोड़ रुपए हैं. महामारी मे लोगो को को अस्पताल, आक्सीजन, एम्बुलेन्स और दवाओ की कमी की किल्लत से जुझना पड़ा.
लाखो लोगो को अपनी जान गवानी पड़ी मगर अफसोस पिछले 6 सालो मे एक भी आक्सीजन प्लांट, वेेंटीलेटर बेड बनाने की फैक्ट्री या कोई बड़ा अस्पताल नही बन सका भले ही कावंड़ी़यो पर करोड़ो खर्च कर फूल बरसा़ये गये हों
आप मुझे बताओ, क्या लोगों को जीवित रहने के लिए रोटी चाहिए? वाईफाई? गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में सिर्फ 69 लाख रुपये के भुगतान न हो पाने से ऑक्सीजन की कमी से गरीब परिवारो के 100 से भी ज्यादा बच्चे मौत का शिकार हुए.
75 सांसद और 337 विधायकों वाले मुख्यमंत्री योगी जी का कहना है कि अस्पताल में बच्चों की मौत ऑक्सीजन की कमी के कारण नहीं बल्कि अस्वच्छ परिस्थितियों के कारण हुई.
अब बताओ, क्या उनका “स्वच्छ भारत अभियान” भारत में नहीं पाकिस्तान में है? “अच्छे दिन” सर, यह जीवित रहने के लिए भाषण नहीं है, यह सरकार के लिये एक राशन है जो अपने बचाव के लिए इस्तमाल करते हैं.