26 अगस्त 2022: ‘महिला समानता दिवस’ पर बाबा साहेब भीमराव द्वारा दिया गया योगदान

बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने “हिंदू कोड बिल” में क्या व्यवस्था की है? आइये जानते हैं…

1. महिलाओं के लिए बहु पत्नी की परंपरा को खत्म कर उनको को सम्मान दिलाया
2. पहली पत्नी के होते हुए दूसरी शादी को अमान्य किया

3. बेटे की तरह बेटी को भी पिता की संपत्ति में अधिकार दिया
4. बच्चे गोद लेने का अधिकार दिया

5. महिलाओं को तलाक लेने का अधिकार दिया
6. महिलाओं को प्रसव छुट्टी का प्रावधान किया

7. समान काम करने के लिए पुरुषों के बराबर वेतन पाने का अधिकार दिया
8. स्त्री की क्षमता के अनुसार काम लेने का प्रावधान किया

9. भूमिगत कोयला खदानों में महिलाओं के काम करने पर रोक लगाया 10. काम करने की अवधि 12 घंटों से घटाकर 8 घंटा किया

11. स्त्री-पुरुष समानता को खत्म किया
12. बाल विवाह पर रोक लगाया और विधवा विवाह का अधिकार दिया

13. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार दिया
14. मताधिकार का अधिकार दिया

15. महिलाओं को प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, डॉक्टर, इंजीनियर, आईएएस, एसडीएम, शिक्षक, सांसद, विधायक, कलेक्टर आदि कई पद प्राप्त करने का अधिकार दिया

16. महिलाओं को मानवीय गरिमा के साथ जीवन जीने का अधिकार दिया
17. हिंदू कोड बिल के अनुसार कोई भी वयस्क लड़का/लड़की किसी भी जाति का हो बिना अभिभावकों के अनुमति के विवाह करने का अधिकार दिया

18. महिलाओं के अधिकार के लिए हिंदू कोड बिल संसद में, सरकार में स्वीकार न होने पर विधि कानून मंत्री डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने इस्तीफा दिया

19. हिंदू कोड बिल नेम ब्राह्मणवाद के चंगुल से महिलाओं को मुक्ति का मार्ग दिखाया जिसमें धर्म शास्त्रों के अनुसार महिलाओं को शिक्षा का अधिकार नहीं था.

वह पुरुषों की आज्ञा के बिना कोई भी निर्णय लेने का तथा उनके अत्याचार का विरोध करने का अधिकार नहीं रखती थीं.

20. डॉक्टर अंबेडकर ने महिलाओं के लिए हिंदू नारी उत्थान और पतन’ किताब लिखी जिसमें बौद्ध धम्म में स्त्रियों को समानता का अधिकार प्राप्त है.

21. बाबा साहब अंबेडकर ने 1916 से लेकर 1951 “हिंदू कोड बिल” पेश करने तक महिलाओं को समानता का अधिकार दिलाने के लिए लड़ते रहे.

22. भारत का संविधान के अनुच्छेद: 15 में बाबा साहब ने स्त्री-पुरुष भेदभाव नष्ट किया. 23: महिलाओं के लिए भारत का संविधान के

अनुच्छेद: 15(3) इस अनुच्छेद की कोई बात राज्य को स्त्रियों और बालकों के लिए कोई विशेष उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी.

24. भारत का संविधान के अनुच्छेद: 39 में स्त्री-पुरुष समान वेतन का अधिकार दिलाया. 25. भारत का संविधान के

अनुच्छेद: 42 में महिलाओं को प्रसूति के समय वेतन और अवकाश का अधिकार दिया है.

26. भारत का संविधान के मूल कर्त्तव्य अनुच्छेद: 51A (e) भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करे

जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग पर आधारित सभी भेदभाव से परे हो, ऐसी प्रथाओं का त्याग करे जो स्त्रियों के सम्मान के विरुद्ध है.

(हरीराम जाट की रिपोर्ट)

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