उत्तर प्रदेश सरकार ने संपत्ति ‘अपनों’ के नाम करने के लिए गिफ्ट डीड (दान विलेख) में 5,000 रुपये के स्टांप पर रजिस्ट्री करने की सुविधा दे दी है.
शुरुआती दौर में यह लाभ छह महीने के लिए दिया जाएगा, CM योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ है.
गिफ्ट डीड के दायरे में पारिवारिक सदस्यों में पिता, माता, पति, पत्नी, पुत्र, पुत्री, पुत्रवधु, दामाद, सगा भाई, सगी बहन, पुत्र व पुत्री का बेटा-बेटी आएंगे.
छूट का लाभ स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग द्वारा अधिसूचना जारी होने की तिथि से दिया जाएगा. छूट के बाद राजस्व व रजिस्ट्रियों पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन कर समय-सीमा छह माह से आगे बढ़ाने पर विचार किया जाएगा.
महाराष्ट्र व कर्नाटक में है सुविधा:
देश के प्रमुख राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक व मध्य प्रदेश में पारिवारिक सदस्यों के बीच अचल संपत्तियों के दान विलेखों पर स्टांप शुल्क में छूट देने की व्यवस्था है.
भारतीय स्टांप अधिनियम के प्रावधानों के अधीन राज्य सरकार चाहे तो यह छूट दे सकती है. इसी आधार पर यह सुविधा देने का फैसला किया गया है.
सालाना 200 करोड़ के नुकसान का अनुमान:
राज्य सरकार को इस प्रकार की रजिस्ट्रियों पर सालाना करीब 200 करोड़ रुपये नुकसान होने का अनुमान है. वित्तीय वर्ष 2019-20 में
ऐसे रजिस्ट्रियों से 174.08 करोड़ और वर्ष 2020-21 में 174.48 करोड़ रुपये की आय स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग को हुई थी.
रजिस्ट्रियों पर स्टांप शुल्क अनिवार्य:
मौजूदा समय में सभी प्रकार की रजिस्ट्रियों पर सर्किल रेट के आधार पर स्टांप शुल्क लेने की व्यवस्था है. इसके चलते परिवार के सदस्य बहुत जरूरी
होने पर ही संपत्तियों की रजिस्ट्री कराते हैं ताकि उन्हें स्टांप शुल्क न देना पड़े. इसको लेकर कई बार विवाद की स्थिति भी पैदा हो जाती है. इसीलिए सरकार का इरादा छूट देकर ऐसे विवादों को कम करने का भी है.