कंपनी अधिनियम में दंड के प्रावधानों की समीक्षा के लिए गठित समिति इसी सप्ताह कंपनी मामलों के मंत्री अरुण जेटली को अपनी सिफारिशें सौंप सकती है।
दस सदस्यों की इस समिति के अध्यक्ष कंपनी मामलों के विभाग के सचिव इंजेती श्रीनिवास हैं। समिति को यह जांचने का भी काम दिया गया है कि क्या मौजूदा कानून में कुछ मामलों में जेल की सजा के प्रावधान को हटाया जा सकता है।
इसका उद्येश्य है कि अदालतों को इस कानून के तहत गंभीर किस्म के अपराधों को निपटाने के लिए अधिक समय मिले।
इस समिति में बैंकिंग क्षेत्र की जानीमानी हस्ती उदय कोटक, लोक सभा के पूर्व महासचिव टीके विश्वनाथन, विधि सेवा कंपनी शार्दुल अमरचंद मंगलदास के कार्यकारी चेयरमैन शार्दुल एस श्राफ और एजेडबी एंड पार्टनर्स फर्म के संस्थापक प्रबंधीय भागीदार अजय बहल आदि शामिल हैं।
कंपनी मामलों के मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि समिति अपनी रपट मंत्री को 27 अगस्त को सौंप सकती है।
नया कंपनी कानून 2013 में पारित हुआ। समित ने यह जांच की है कि क्या इस कानून के तहत कुछ प्रकार के अपराधों में जेल की बजाय अर्थ दंड का प्रावधान उचित रहेगा। इससे अदालतों पर दबाव कम होगा और वे कार्पोरेट जगत के ज्यादा गंभीर अपराधों से जुड़े मामलों को देखने पर अधिक समय दे सकेंगी।